अपनी बात कहने की
आगया चाहता हु
आगे अपनी बात कह देता हु
दिल से कह देता हु
थपड कोई नहीं ,गाँधी जी ही खा सकते है
एक गiल पर खाकर ,दूसरा भी आगे कर देते है
चाहते तो गाँधी भी मार सकते थे
मार देते तब बापू नहीं कहला पाते
गाँधी का वारिस बही हो सकता है
जो करे काम गाँधी जैसा
गाँधी का वारिस बन सकता है
टोपी को धारद करके, थापद खाके
आप ने दिखला दिया ,
गाँधी का वारिस कोई और नहीं
अरविन्द केजरीवाल ही बन सकता है
हम कर क्या नहीं सकते
थापद का जबाब क्या
पत्थर से नहीं दे सकते
लेकिन क्या हमे पत्थर मरने चाहिए
या केजरीवाल का साथ निभाना चाहिए
साथ अगर हम केजरीवाल का देंगे
गाँधी एक और ज़माने मै, सहायक हम होंगे
नीव के पत्थर बन कर विदा ज़माने से लेंगे
गाँधी एक और ज़माने मै, सहायक हम होंगे
नीव के पत्थर बन कर विदा ज़माने से लेंगे more