मैं आपका ध्यान उपभोक्ता वस्तुओं के एम आर पी की तरफ दिलाना चाहता हूँ .
मैं आपका ध्यान उपभोक्ता वस्तुओं के एम आर पी की तरफ दिलाना चाहता हूँ . एम आर पी उपभोक्ताओं को दुकानदारों द्वारा लूटने से बचाने के लिये लिखा जाता है जिस पर एक निश्चित मुनाफा लेकर किसी सामान को बेचने के आधार पर एम आर पी का निर्धारण होता है . लेकिन लगता है एम आर पी पर सरकार का कोई नियंत्रण नही रहा है .तभी एम आर पी पर 70% तक की छूट देकर अमेज़ॉन जैसी ई कॉमर्स कम्पनिया सामान बेच रही हैं . मोलभाव ना करने वाला उपभोक्ता ठगी का शिकार हो जाता है क्योंकि वो एम आर पी को सही मान लेता है जबकि आम दुकानदार भी मोलभाव करने पर 10% से 40% तक दाम कम कर देते हैं . एडिदास रीबोक जैसे जूतों के ब्रांड दुकानदार को एम आर पी पर 70% कम मे जूते व अन्य सामान देते हैं , दुकानदार अपनी काबलियत के अनुसार व ग्राहक के दम कम करने के हुनर के अनुसार 50% तक की छूट दे देता है . बाई 1 गेट 1 का प्रचलन भी खूब हो रहा है .1 शर्ट के साथ 6 शर्ट फ्री बेकने वाले शो रूम भी हैं जिनमे एक शर्ट का एम आर पी 6000/=रखा जाता है .क्यूटोन शर्ट पर पूरे साल 70% +20% की छूट के साथ सेल लगी रहती है . आशा है सरकार इस ठगी पर रोक लगायेगी . more