वरिष्ठों की समस्याओं से सम्बन्धित
मैं यह भी अपेक्षा रखता हूँ कि आप सभी भी ये तथ्य सरकार तक पहूँचाने में पूरा प्रयास करेंगे। आप अपने social media के अलावा अपने क्षेत्र के सांसद को भी ज्ञापन दें। वरिष्ठ नागरिक संगठनों के मार्फत भी पहल करें क्योंकि सामूहिक प्रयास ही राहत दिलायेगा।
1) रेल सुविधा सम्बन्धित : -
आज कल सरकार ने AC में यात्रा करने वालों को Telescopic fare वाला टिकट जारी करना बन्द कर दिया है जिसके कारण सबसे ज़्यादा मुसीबत वरिष्ठ नागरिकों को उठानी पड रही है। चूंकि उम्र के इस पडाव में स्लीपर में यात्रा करना बिल्कुल भी सुविधाजनक नहीं यानि अनेक तकलीफों से भरा है इसलिये ही सभी वरिष्ठ नागरिक AC में ही यात्रा करते हैं भले ही सरकार ने Telescopic fare वाला टिकट देना बन्द किया हुआ है ।
जो वरिष्ठ नागरिकोंं को पेंशन सुविधा नहीं उन पर यह एक अतिरिक्त भार पड रहा है जिसके चलते उनको या तो अपनी यात्रा समय में कटौती करनी पडती है या अतिरिक्त खर्चे को वहन हेतू कछ अन्य सुविधाओं में कटौती - कुल मिलाकर मन मसोसना पड़ता ही है भले किसी रुप में हो।
दूसरा महत्वपूर्ण पहलू है कि उम्र के इस पडाव में तीर्थ यात्रा का विचार करें या विभिन्न जगहों पर रहने वाले मित्र हों या रिश्तेदार से मिलने का विचार तो टिकट की समस्या Telescopic fare वाले में नहीं होती है जबकि बिना Telescopic fare में हो ही जाती है।
यदि जैसा पहले मिलता वैसा उपलब्ध हो तो हम जैसे वरिष्ठों को निम्न लाभ वापस मिलने लगेंगे - -
1) टूर टिकट जारी करवा कर कम खर्चे में यात्रा सम्भव थी।जबकि अभी सम्भावना ही नहीं है ।
2) हर बीच में ठहरने वास्ते स्टेशन में समय सीमा से बंधे होने के कारण समयबन्ध कार्यक्रम में यात्रा अनेकों उद्धेश्य को पूरा कर सकना आसान था चाहे रिश्तेदार हो या मित्र ज्यादा ठहरने का आग्रह करते ही नहीं थे |
3) यदि सीधी रेल सेवा नहीं है तो खर्चा भी ज्यादा, परेशानी भी अधिक और रिश्तेदार हो या मित्र उनकी नाराजगी भी सहनी पड़ रही है ।
आप और भी, अपने अनुभव के आधार पर जोड सकते हैं ।
2) बैंकों से लेनदेन सम्बन्धित :-
सरकार की सलाह है कि नगद लेन देन नहीं कर बैंको के माध्यम से लेनदेन करें लेकिन सरकार बैंको से लेनदेन को सुगम बनाने की तरफ बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रही यानि RBI इस ओर काफी उदासीन है।
अनेकों बैंकों में जब तक आप SMS की सुविधा नहीं लेते हैं तब तक आपको OTP वाला SMS मिलेगा ही नहीं और SMS प्राप्त हेतु बैंक आपका बचत खाता में सालाना कहिये या हर माह एक चार्जेज वसूलता है।जबकि इस तरह के SMS को mandatory श्रेणी में रखा जाना चाहिये ताकि बचत खाता धारक को बिना चार्जेज के OTP का SMS मिले।
दूसरी बात है कि यदि हम Net Banking को काम में लेते हैं तो भी बैंक हमसे शुल्क वसूलती है जबकि वही काम यदि हम बिना Net Banking के करें तो एक अच्छी रकम बचती है।
उदाहरण के तौर पर यदि मैं अपने नाती की स्कूल फीस Net Banking के माध्यम से चूकाता हूँ तो बैंक अपना शुल्क मेरे बचत खाते से स्वयं ही ले लेगा।
इस तरह हमें Net Banking में दो तरह के चार्जेज लगता है और Net Banking मँहगा है जबकि नगद लेनदेन में न तो अतिरिक्त खर्चा और न ही झंझट I यहाँ झंझट से मतलब है ठीक तरह से सावधानी रख सामने वाले का पूरा ब्यौरा भरना ताकि गलत जगह पैमेंट न हो।
यही यदि सरकार इसे एकदम खर्च मुक्त कर दे यानि OTP को Mandatory बना दे और बचत खाते वालों के लिये Net Banking बिना शुल्क के कर दे तो हम वरिष्ठ नागरिक नगद लेनदेन को मुक्ति करने में देर नहीं करेंगे क्योंकि बिना पेंशन वाले वरिष्ठ नागरिकों के लिये तो हर तरह का अतिरिक्त खर्च कष्टदायक होता ही है ।
हमारे तथ्यों की पुष्टि इस बार 18 अक्टूबर को लोकसभा चैनल के लोकमंच कार्यक्रम में निमन्त्रित कोई आर्थिक पत्रकार की टिप्पणी से स्वत: ही हो गयी जब उन्होंने बताया कि Digital Payment ने अभी भी ठीक तरह से यानि आशा अनुरूप गति पकडी नहीं है । इसलिये यह आवश्यक है कि बिना विलम्ब किये सरकार को उपरोक्त सुधार को लागू करे ।
3) कैपिटल गेन्स से सम्बन्धित : -
जैसा आप जानते हैं इस बार यानि 2018-19 वाले बजट में LTCG पर टैक्स जो लागू किया है वह हमारे जैसे Senior Aged Stock Investors के लिये किसी भी प्रकार से उचित नहीं है।
आपकी जानकारी के लिये हम लोगों ने हमेशा अपनी बचत को तीन कारणों से शेयरों में लगाया। वे कारण हैं -
१) आप सभी सरकारें कहिये या बाकी सभी ( Experts ) यही सन्देश देते रहे हैं कि Share निवेश का मतलब है अप्रत्यक्ष रुप से राष्ट्र निर्माण में सहयोग इसलिये गोल्ड या भूमि में निवेश का सोचा ही नहीं।
२) चूकिं हममें से जो भी गैरसरकारी संस्थानों में नौकरी कर बचत करते थे तो उद्देश्य यही रहता कि हमें पेन्शन तो मिलनी नहीं है अतः हमारे बुढापे के लिये शेयर निवेश सब हिसाब से लाभप्रद रहेगा साथ में पहला point ( उपर उल्लेखित ) भी fulfill होता रहेगा और आने वाले समय में हमें हमारी आवश्यकता की पूर्ति इस शेयर निवेश से होती रहेगी इसका विश्वास भी था।
३) सोच समझकर शेयरों मेंं किया गया निवेश जोखिम मुक्त माना जाता रहा है साथ ही साथ आसानी से कर सकने वाला भी। इसके अलावा सभी पूर्ववर्ती सरकारों नें शेयर निवेश को बढावा देने के लिये लगातार न केवल प्रोत्साहित करते रहे थे बल्कि इस बात का हमेशा ध्यान रखा कि इसमें गिरावट न हो और इसलिये ही अपने अपने तरीके से ( Cost Inflation Index लागू करना ) हमेशा सकारात्मक कदम को बढ़ावा देते रहे।
आज ५० / ६० साल तक निवेशित रहने के बाद यानि समय समय पर अपनी अपनी कमाई अनुसार टैक्स चुकाने के बाद जो भी बचत शेयरों में लगायी, यह जानते हुये कि इन में से कुछ में बहुत हानि भी हो सकती है और जो समय समय पर परिलक्षित भी हुयी। अब बडी मुश्किल से बाकी बचे शेयरों पर जो भी लाभ मिलने की उम्मीद है वह लाभ वापस टैक्स दायरे में आया तो मन में चोट लगी है, ग्लानि भी हुयी है और साथ साथ कष्ट भी पहुँचा है।
इसलिये लिखना यही है कि सरकार इस पर पुनर्विचार करे। सरकार चाहे तो Free LTCG के लिये Holding period एक साल से बढ़ा कर दो साल कर दे, न हो तो तीन साल कर दे । सरकार पाँच साल भी करती है तो वो इतना कष्टदायी नहीं होगा क्योंकि हमारी सोच कभी भी न तो सट्टाबाजी की रही है, न ही मुनाफाखोरी वगैरह की बल्कि बहुत गहन अध्ययन व आपसी सलाह, चिन्तन मनन पश्चात निवेश करते आये हैं ।
वित्तमन्त्री का उपरोक्त विषय पर रजत शर्मा जी वाले India TV पर बजट पश्चात Clarification सुना, समझा और उस पर गहन चिन्तन मनन भी किया । हम उनकी सोच का पूरा पूरा समर्थन करते हैं इसलिये ही आग्रह है कि Senior Aged Stock Investors' की चिन्ताओं का ध्यान रखते हुये इस पर इस बार बजट पूर्व चर्चा में इस वर्ग द्वारा सुझाये गये सुझावों पर अवश्य ध्यान देकर राहत प्रदान करें ।
आपके ध्याननार्थ बता दें कि सुझाया गया सुझाव है - Free LTCG का Holding period बढा दें या Senior Aged Stock Investors को इस प्रस्ताव से बाहर कर दें।
आशा ही नहीं बल्कि विश्वास है कि सरकार आवश्यक corrective कदम उठा हम वरिष्ठ नागरिकों को उपरोक्त सभी विषयों में राहत दे देगी ।
गोवर्धन दास बिन्नाणी
बीकानेर
7976870397 / 9829129011 more