१/. गाजर के गुणों का मुकाबला शायद ही कोई अन्य सब्जी कर सकती है। इसे सलाद के रूप में कच्चा भी खाया जा सकता है, पका कर इसकी सब्जी भी बनाई जा सकती है तथा इसका रस निकाल कर भी पिया जा सकता है।
२/. आयुर्वेद के अनुसार गाजर एक फल अथवा सब्जी ही नहीं, अपितु रक्तपित्त तथा कफ को नष्ट करने वाली मीठी, रस से भरी, पेट की अग्नि को बढ़ाने वाली तथा बवासीर जैसे रोग को रोकने वाली जड़ी-बूटी भी है। चूँकि इसमें रक्त अवरोधक शक्ति होती है इसलिए यह रक्तपित्त को बनने नहीं देती।
३/. गाजर हृदय संबंधी बीमारियों में भी बहुत लाभकारी होती है। यह वीर्य विकार नष्ट करती है तथा शारीरिक कमजोरी में लाभप्रद है।
४/. इसकी तासीर ठंडी होने के बावजूद यह कफनाशक है। गाजर लौंग तथा अदरक की ही तरह छाती तथा गले में जमे कफ को पिघलाकर निकालने में सक्षम है।
५/. गाजर में कुछ इस प्रकार के खनिज लवण पाए जाते हैं। जो शक्ति को बढ़ाने तथा रोगों को रोकने में बहुत ही आवश्यक होते हैं। शरीर के भीतर ये लवण खून में मिलकर विकार पनपने से रोकते हैं तथा प्रत्येक तंतु एवं प्रत्येक ग्रंथि को स्वस्थ रखते हैं। more