लोकतंत्र खतरे में है OR SURVIVAL OF CONGRESS ?
चलिए कुछ बिन्दुओ पर नजर डालिये और समझिये.
1. भारत के चीफ जज हैं दीपक मिश्रा, ये वही जज हैं जिन्होंने सिनेमा हॉल में राष्ट्रगान को अनिवार्य किया था, तो चीफ जज ने कल ही यानि बृस्पतिवार को 1984 सिख विरोधी दंगों के 100 से ज्यादा केसेस को खोलने का आदेश दिया है, ये तमाम केसेस कांग्रेस नेताओं के खिलाफ है जिनको बंद कर दिया गया था, दीपक मिश्रा जो मुख्य जज हैं उन्होंने 100 से ज्यादा ऐसे खुलवा दिए है
2. ये चारों जज मीडिया के सामने आते है, और देश की जनता को बताते है की जी लोकतंत्र खतरे में है, और इन जजों के प्रेस कांफ्रेंस के बाद अफ़ज़ल प्रेमी गैंग इन चारों जजों के सपोर्ट में खड़ी हो जाती है, प्रशांत भूषण, शेहला रशीद, जिग्नेश मेवानी, कांग्रेस के सभी नेता, कन्हैया कुमार, कविता कृष्णन जैसे लोग एक सुर में इन चारों जजों के सपोर्ट में खड़े हो जाते है
3. और दूसरी चीज चीफ जज ने अयोध्या का मसला अपने पास रख लिया है, 5 जजों की बेंच अयोध्या का मसला देख रही है, और इस बेंच के अध्यक्ष स्वयं चीफ जज दीपक मिश्रा है, और अयोध्या मसले में सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस राम मंदिर के खिलाफ लड़ रही है, कांग्रेस के वकील कपिल सिब्बल राम मंदिर के खिलाफ लड़ रहे है, दीपक मिश्रा वहीँ हैं जिन्होंने याकूब मेमन को फांसी दी थी, वही याकूब मेमन जिसका वकील था प्रशांत भूषण, जो आज इन चारों जजों का खूब समर्थन कर रहा है
4. जैसे ही चीफ जज ने 1984 के केस खुलवाए, उसके अगले दिन यानि की आज दिल्ली में जज चेलमेश्वर के घर सुबह पहुँचता है अफ़ज़ल प्रेमी गैंग का वामपंथी नेता और राज्यसभा सांसद डी राजा, और फिर चार जज तैयार होते है और प्रेस कांफ्रेंस करते है, और कहते है की जी लोकतंत्र खतरे में है
[1/13, 11:10] +91 98681 85487: इन चारों जजों में एक है जज कुरियन - जो की एक कट्टरपंथी ईसाई है, उसने मोदी को ईसाई विरोधी बताया था, यानि पहले से मोदी विरोधी है, तो प्राकृतिक तौर पर सोनिया गाँधी जो की रोमन कैथोलिक है उसका समर्थक है, अब दूसरा जज है चेलमेश्वर - ये शख्स आधार का विरोधी है, कांग्रेस भी आधार की विरोधी है, क्यूंकि मोदी सबकुछ आधार से लिंक कर रहे है जिस से चोरो लुटेरों भ्रष्टाचारियों की नींद उडी हुई है
5. अब अगला जज है रंजन गोगोई - ये शख्स असम के पूर्व मुख्यमंत्री, जो की कांग्रेस के मुख्यमंत्री थे केशब गोगोई उनका सगा बेटा है, और चौथा जज भी वामपंथी पृष्टभूमि से है, डी राजा से मिलने के बाद ये कहते है की लोकतंत्र खतरे में है, अब आप अपनी बुद्धि का सिर्फ 1% इस्तेमाल कीजिये तो माजरा समझ जायेंगे, ये साल है 2018 और ये विपक्ष के लिए करो या मरो का साल है चूँकि 2019 में चुनाव है, लोकतंत्र नहीं ये वामपंथी और कांग्रेस खतरे में है
IS THIS PRE MEDIDATED PR WORK FOR CONGRESS BY THE USA PR COMPANY HIRED BY CONGRESS FOR 2019 ELECTIONS?
THE SAME COMPANY WAS HIRED TO BOOST RAHUL'S IMAGE IN GUJRAT ELECTIONS. more