काला धन और भाजापा
तो मैंने खोला एएन डी ऐ के ज़माने का अख़बार , हमारे देश की अर्थव्यवस्था की बड़ी हालत खराब है , इस लिये मैंने सोचा की टैक्स की कमी और प्राइवेट कॉर्पोरेट का लाभ हानि भी देखा जाए .
सो भाइयो बहनो , आइये देखे आगे क्या हुआ
१९९१ में कांग्रेस ने देश को बचने के लिये विदेशी निवेश के दरवाज़े खोले , आप कहेंगे वेरी गुड , सच है भाई.
अब अगर कोई कहेगा की विदेशी देश को लूट लेंगे ? क्यों भाई जब भारत में सब कॉर्पोरेट काम करते हैं , टैक्स देते हैं, तो विदेशी भी ऐसा ही करेंगे ? हाँ भाई सच है .
बहुत सारे देश कहते हैं कॉर्पोरेट को मदद करो , दो बार टैक्स मत लो, एक जगह टैक्स हो जय तो दूसरे देश में टैक्स मत लो, सही बात है .
इसी लाइन में एक छोटा सा देश है मौरिशयस , भारत ने सोचा मौरिशयस की गरीब लोगो को मदद करने को डबल टैक्स खत्म करते हैं. सो एक कानून पास कर दिया. जो मौरिशयस के नागरिक और बिज़नेस मन होंगे , उनको डबल टैक्स नहीं देना होगा.
अच्छा भई बहुत अच्छा .
बाहर से तो ये सच है , मगर अंदर की बात ये है की अगर सब ईमानदारी से टैक्स दे कर काम करेंगे तो
फिर हमारे कांग्रेसी , भा जा पा के लोग क्या समाज सेवा करने आये हैं राज नीति में ? हो सकता है सच में ऐसा ही हो , कम से कम भाजापा के मोदी तो यही ढोल बज रहे हैं.
आब आते हैं ऐन डी आ की सरकार , अटल बिहारी सब पर भारी . साथ में हैं वही अरुण जेटली जी और वही यशवंत सिन्हा जी.
समय - मार्च २०००
- भारत के आय कर अधिकारियो ने बहुत साडी कम्पनियो का टैक्स चेक किया , वो कंपनिया मौरिशयस की कंपनी होने का दावा करती थी और इसी कारन उस ने भारत में कोई टैक्स नहीं दिया था.
-जांच में सामने आया की दस्तावेज के हिसाब से वो विदेशो में स्थापित थी और मौरिशयस सिर्फ टैक्स चोरी की लिये आई थी.
- आय कर विभाग ने नोटिस जारी कर दिया था .
- अब सवाल ये था की उनको रोक कर भारत की सरकार अपने हक़ के टैक्स का हिसाब करे या उनको छोड़ दे ? आप कहेंगे की टैक्स की वसूली होनी चाहिए ???
- मगर आप ये नहीं जानते की अगर सरकार का काला धन भी लगा हो तो कैसे वसूली होगी ?
सो नतीजा ये हुआ की आय कर अधिकारी को सरकार ने एक आदेश जारी कर के रोक दिया , उसमे कहा गया की विदेशी कंपनी जो भी सर्टिफिकेट दे उस की कोई जांच नहीं की जाए.
और जानते हैं उस समय वित्त मंत्री कौन था , हमारे अपने यशवंत सिन्हा, उन्होंने कहा की टैक्स से ज्यादा निवेश जरुरी है तो हम टैक्स को भूल जाएँ.
अब सवाल ये है की आम आदमी ने उस समय क्या किया ? कुछ कर भी नहीं सकता था क्यों की आम आदमी पार्टी तो थी नहीं उस समय.
वो ही हुआ जो अभी रिलायंस के खिलाफ हुआ है जब कांग्रेस और भा जा पा दोनों चुप हैं, कोर्ट केस हो गया . और कोर्ट केस किसने किया ? प्रशांत भूषण ने .
हाई कोर्ट में जीत भी गई जनता , मगर बाद में सारी चोर सरकार और कॉर्पोरेट मिल कर सुप्रीम कोर्ट में ngo वाले को हरा दिया .
सो तब से ले कर आज तक .... हजारो करोड़ रुपए का घाटा भारत की अर्थव्यस्था को लग चुका है और अगर आज अरविन्द के हाथ मजबूत नहीं हुए तो शायद आगे भी जारी रहेगा .
कहते हैं की जो अपनी भूलो से सबक नहीं लेते वो उन्हें दोहराते हैं .
अंग्रेजी में पढ़ने की लिये यहाँ देखे
http://www.hindu.com/thehindu/thscrip/print.pl?file=20031121002108900.htm&date=fl2023/&prd=fline& more