नयी सरकार की प्राथमिकताएँ
2. रेलवे का निजीकरण। हवाई सेवा और सड़क परिवहन का निजीकरण करने से आम लोगों को राहत मिली। 140 करोड़ लोगों के देश में केवल सरकारी रेल से काम नहीं चल सकता। किसी ट्रेन में कंफर्म टिकट नहीं मिलता। कोच की गुणवत्ता खराब है। ट्रेनें समय पर नहीं चलतीं। विकसित देश की कल्पना करने वाला देश 20 वीं शताब्दी के रेल ढांचे और सोच से काम नहीं कर सकता।
3. एक्सप्रेस वे और हाईवे से टोल समाप्त करना। वसूली केवल ई माध्यम से चिप के जरिए हो। इससे समय और विवाद बचेगा। हर प्रदेश की राजधानियों को आपस में एक्सप्रेस वे से और सभी राजधानियों को देश की राजधानी से एक्सप्रेस वे से जोड़ने पर काम किया जाए।
4. शिक्षा में सुधार। नई शिक्षा नीति रोजगारन्मुखी है। लेकिन यह भी रटंत विद्या पर जोर देती है, समझ बढ़ाने पर नहीं। 10वीं-12वीं के अंक मायने नहीं रखते क्योंकि हर पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए परीक्षा है। बोर्ड व्यवस्था समाप्त कर स्कूलों में केवल प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी करानी चाहिए। इससे कोचिंग फैक्ट्रियों पर ताले लगेंगे और छात्रों पर दबाव कम होगा।
5. शेयर बाजार में सुधार। बड़ी संख्या में भारतीय शेयर बाजार में निवेश कर रहे हैं। घटती बचत और बढ़ता निवेश इसका गवाह है। आम लोगों को शेयर बाजार के बारे में शिक्षित करने के लिए जागरूकता अभियान चलाए जाने चाहिए। फ्यूचर एंड ऑप्शन्स पर ज्यादा टैक्स लगा कर लोगों को हतोत्साहित किया जाए। एलटीसीजी से छेड़छाड़ न हो।
6. कृषि और श्रम क्षेत्र में सुधार हों। वोट की राजनीति को हावी न होने दिया जाए। सुधारों पर कदम पीछे न खींचे जाएं। किसी को भी वीटो पॉवर नहीं मिलनी चाहिए।
7. नशे पर रोक। हर तरह के नशे पर सख्ती से रोक लगाई जाए। तंबाकू और शराब पर कड़े नियम हों।
8. पेट्रोल डीजल जीएसटी में लाना। इससे दामों में एकरुपता आएगी और राज्यों की मनमानी रुकेगी।
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