केजरीवाल पर Modiji ka हमला
लेकिन बतौर नागरिक Meri इतना समझ में आ गया कि एक प्रधानमंत्री साफ कह रहा है कि तुम अपनी औकात मत भूलो। तुम किसान थे तो किसानी करो। तुम लोहार तो लोहारी करो। तुम कुम्हार थे तो कुम्हारी करो। लेकिन मोदी जी इस लाइन को क्या हम यहां तक बढ़ा सकते हैं कि जो चाय बेचता था वह चाय ही बेचे? या फिर यहां तक कि तुम मेहतर थे इसिलए मेहतर ही रहो। मोदी जी आप कथित रूप से चाय बेचने से लेकर पीएम की कुर्सी तक पहुंच गए। आपके जीवन से तो कोई सपनों को संजोने की प्रेरणा ले सकता है। आप इतनी ओछी बात कैसे कर सकते हैं? लेकिन इस बयान के बाद आपने खुद को एक बार फिर से साबित किया है।
केजरीवाल के पास राजनीति की विशेषज्ञता नहीं है। क्योंकि उन्होंने बचपन में संघ की शाखाओं में हाफ पैंट पहन और हाथ में डंडा ले क्लास नहीं की है। केजरीवाल इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में एक ऑफिसर थे। आज की तारीख में वह इंसान आपको चुनौती दे रहा है। आप इसे बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं। आप उस आदमी की विशेषज्ञता के बारे में बता रहे हैं। उस आदमी की विशेषज्ञता क्या हो सकती है? क्या एक ऑफिसर को उसके सिवा और सपने नहीं देखने चाहिए? तो फिर आपकी पार्टी में ऑफिसर क्यों हैं? मुबई के पुलिस कमिश्नर सतपाल सिंह आपकी पार्टी में क्यों हैं? पूर्व गृह सचिव आरके सिंह आपकी पार्टी में क्यों हैं?
MODIJI ka matlab saaf h....
""Pehle KALA DHAN ab JAN DHAN"" more