हम वर्षो की गुलामी के कारण ,अपनी विशेषता भुला बैठे ,जाहिल और गंवार होगये ,बस पेट की भूख मिटाने की कोशिश में ,अपनी अस्मिता को दाव व पर लगा दिया ,आजादी तो हमें मिलगई ,पर संस्कार खो बैठे ,हमें आजादी के बाद अब इंसानियत की लड़ाई लड़नी पड़ेगी ,धर्म ,मजहब की छोड़ हमें एक अच्छा इंसान बनकर अपनी पीढ़ी के सामने मॉडल के रूप में अपने आप को प्रस्तुत करना होगा /हम भले ही कुछ न बन पाए पर एक अच्छा व् नेक दिल इंसान जरूर बन पाए ,ऐसी कोशिश करना होगी ,तभी हमारी भावी पीढ़ी सुरक्षित रह पाएगी / हम वर्षो की गुलामी के कारण ,अपनी विशेषता भुला बैठे ,जाहिल और गंवार होगये ,बस पेट की भूख मिटाने की कोशिश में ,अपनी अस्मिता को दाव व पर लगा दिया ,आजादी तो हमें मिलगई ,पर संस्कार खो बैठे ,हमें आजादी के बाद अब इंसानियत की लड़ाई लड़नी पड़ेगी ,धर्म ,मजहब की छोड़ हमें एक अच्छा इंसान बनकर अपनी पीढ़ी के सामने मॉडल के रूप में अपने आप को प्रस्तुत करना होगा /हम भले ही कुछ न बन पाए पर एक अच्छा व् नेक दिल इंसान जरूर बन पाए ,ऐसी कोशिश करना होगी ,तभी हमारी भावी पीढ़ी सुरक्षित रह पाएगी /
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