BJP Manifesto Focuses

Dear All,
Please give your valuable feed back / suggestion regarding the released of BJP 2014 election manifesto.

Regards,

Subrat Panda more  

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Good & mature manifesto. Seems to be implementable.Do hope for blossoming of KAMAL and success of the manifesto. more  
BJP Manifesto indicates good intent but light on details. As a Banking professional, who has worked overseas, I appreciate the value of FDI in retail which could bring quick numbers in jobs being created, help in curtailing inflation and avoid substantial waste in Agri produce besides creating efficient market. All developing countries such as China, Brazil, Russia, South Africa and other have embraced FDI in Retail for these very reasons and have derived benefits and jobs. Hence I can only suggest that BJP invest some more time on researching the subject, does not get influenced by Kejriwal rhetoric and have confidence in India trading class who I am sure, can very well survive the competition. more  
Excellent roadmap. Will provide a much needed thrust and fillip to the current gloomy scenario. more  
'ग़ैर-हिंदुत्व और हिंदुत्व' के बीच फंसी भाजपा By BBC Hindi, 08 Apr 2014 11:05 AM http://newshunt.com/share/28317989 2014-04-07T18:33:47+05:30 अजित साही आम चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपना घोषणापत्र जारी कर दिया है. घोषणापत्र से ज़ाहिर होता है कि जीत और सत्ता की चाह ने एक बार फिर पार्टी को ग़ैर-हिंदुत्व और हिंदुत्व के दो पाटन के बीच लटका दिया है. पहले जीत और सत्ता की चाह में हो रहे हिंदुत्व के पाटन की बात करते हैं. भाजपा की ओर से हमेशा ये संकेत रहे हैं कि उन्हें मुसलमानों के वोट की ज़रूरत नहीं है क्योंकि उनका एजेंडा ही हिंदुत्व का है. ऐसे में उनकी राजनीति स्वत: मुस्लिम-विरोधी हो जाती है. लेकिन घोषणापत्र में मुसलमानों को जीतने की भाजपा की पुरज़ोर कोशिश दिखाती है कि उन्हें मालूम है कि बग़ैर मुसलमानों के वोट के भाजपा अकेले दम पर लोकसभा में बहुमत नहीं पा सकती है. भाजपा का घोषणपत्र कहता है भाजपा सरकार देश भर के मदरसों में विज्ञान और गणित की पढ़ाई शुरू करवाएगी. ध्यान देने की बात है कि घोषणापत्र समिति के मुखिया मुरली मनोहर जोशी ने कहा कि मुसलमानों को शिक्षा और उद्योग में उचित मौक़ा मिलना चाहिए. अगर भाजपा वाक़ई संजीदा है तो ये वादे अहम हैं. ये दिखाते हैं कि पिछले बीस सालों में अगड़ों, पिछड़ों, सिखों और दलितों की राजनीति करने के बाद भाजपा मुस्लिम हितैषी बन कर भारतीय राजनीति में कांग्रेस पार्टी की उत्तराधिकारी बनना चाहती है. लेकिन ऐसा नहीं है कि इस घोषणापत्र को पढ़ते ही मुसलमानों का दिल पिघल जाएगा और वो झट से भाजपा को वोट दे देंगे. हिंदुत्व के पाटन की मजबूरी में एक बार फिर भाजपा ने अयोध्या में रामजन्मभूमि के विवादित स्थल पर मंदिर निर्माण कराने का वादा कर दिया है. और शायद ही कोई भारतीय मुसलमान बाबरी मस्जिद की ज़मीन से अपने वजूद को अलग कर सकता है. युवा मतदाताओं ने रामजन्मभूमि की कहानी भले ही सुन रखी हो, संविधान के अनुच्छेद 370 और यूनिफ़ॉर्म सिविल कोड के बारे में उनको शायद ही मालूम होगा. यह सब जानते हुए भी कि आज के वोटर इन मुद्दों से प्रभावित नहीं होंगे. भाजपा ने मजबूरन इन मुद्दों को अपने घोषणापत्र में शामिल किया है क्योंकि ऐसा नहीं करने से उस पर हिंदू मुद्दों का तिरस्कार करने का आरोप आ जाता. अनुच्छेद 370 मुस्लिम बाहुल्य जम्मू-कश्मीर को देश के बाक़ी राज्यों के मुकाबले विशेष दर्ज़ा देता है जो हिंदुत्व को क़ुबूल नहीं है. यूनिफ़ॉर्म सिविल कोड मुसलमानों को शादी, तलाक़ और उत्तराधिकार जैसे निजी मामले में क़ुरान की रीति पर चलने की मिली आज़ादी को ख़त्म करने की बात करता है. दोनों मुद्दे भाजपा को मुसलमानों से दूर रखते रहे हैं और रखते रहेंगे. यूँ तो घोषणापत्र में हर क़िस्म के वादे हैं, उसका अधिक ज़ोर शहरों पर है जहाँ भाजपा को जीत की ज़्यादा उम्मीद रहती है. भाजपा का दावा है कि वो शहरी इलाक़ों में सार्वजनिक वाईफ़ाई इंटरनेट का प्रावधान करेगी और उच्च शिक्षा को बढ़ावा देगी. लेकिन घोषणापत्र ये नहीं बताता कि उच्च शिक्षा के बढ़ावे के लिए पार्टी कौन से ठोस क़दम उठाएगी. भारतीय जनता पार्टी का मानना है कि घोषणापत्र में किए गए ये वादे युवा वोटरों को आकर्षित करेंगे. भाजपा की पिछली सरकार ने विदेश में पढ़ाई के लिए आसान किश्तों पर छात्र-छात्राओं को सरकारी बैंकों से ऋण दिलाया जिसके कारण पढ़े-लिखे युवा वर्ग ने उनका साथ दिया था. इन सबके बावजूद 2004 के आमचुनाव में भाजपा की तत्कालीन सरकार युवाओं का ज़्यादा वोट नहीं खींच पाई थी. कई वादे ऐसे हैं जिन पर अमल करना अगर असम्भव नहीं तो बेहद मुश्किल होगा. भाजपा का वादा है कि वह शिक्षा पर सरकारी ख़र्च को बढ़ाकर जीडीपी का छह फ़ीसद कर देगी. यानि आज शिक्षा पर जितना ख़र्च होता है लगभग उसका दोगुना. लेकिन घोषणापत्र ये नहीं बताता है कि इस ख़र्च के लिए भाजपा की सरकार 6.5 लाख करोड़ रुपए आख़िर कहाँ से लाएगी. उदारवादी आर्थिक नीति की पक्षधर भाजपा, ख़ासतौर से उसके प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी, हर व्यवस्था के निजीकरण की हिमा़यत करते हैं. उनका ये वादा उनकी आर्थिक सोच का अंतर्विरोध दिखाता है. इसी तरह मौलिक सुधार के अधिकतर वादों पर अमल मुश्किल होगा. न्यायालयों की संख्या दोगुनी कर देने का वादा अव्यवहारिक है. न केवल इसके लिए रक़म जुगाड़ना मुश्किल होगा, बल्कि इसका भी भरोसा नहीं कि जजों की संख्या दोगुने हो जाने से मुक़दमों में भी वृद्धि नहीं होगी. ऐसा ही एक वादा उद्योग से जुड़े लोगों, शिक्षाविदों और समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों को नौकरशाही में सम्मिलित करने से जुड़ा हुआ है. यहां भी सवाल उठता है कि क्या अफ़सर कभी भी ग़ैर-बाबुओं को अपने बीच आसानी से जगह देंगे? इसी तरह भाजपा के घोषणापत्र में औद्योगिक विनिर्माण में तेज़ी लाने के और कृषि विकास के तमाम वादे सतही हैं. ये कहना आसान है कि रोज़गार-प्रधान उद्योगों को बढ़ावा दिया जाएगा. लेकिन उद्योग लगाने के लिए बाज़ार का होना भी आवश्यक है जहां निर्मित माल बेचा जा सके. पिछले छह सालों की आर्थिक मंदी के चलते यूरोप और अमरीका के विकसित देशों के बाज़ार ठंडे पड़े हैं. इस वजह से चीन, पूर्वोत्तर एशिया और दक्षिण अमेरिका के निर्माण-प्रधान मुल्कों के उद्योगों में काट-छाँट का दौर जारी रहा है. ऐसे में व्यापक स्तर पर भारत में ताज़ा राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय निवेश होना कम ही सम्भव दिखता है. कालाबाज़ारी से निपटने के लिए भाजपा कहती है कि वो एक मूल्य स्थिरीकरण कोष स्थापित करेगी. और गोदाम में माल छिपा कर रखने वालों पर मुक़दमे चलाने के लिए विशेष अदालतें बनाएगी. आख़िर इस ख़र्च के लिए उगाही कहाँ से होगी? भाजपा कहती है कि वो कृषि में पारंपरिक रोज़गार के रास्ते मज़बूत करेगी. साथ ही वो कृषि में तकनीकी सुधार की भी बात करती है. दरअसल पार्टी की सोच क्या है ये तभी पता चलेगा जब वो अपनी कृषि नीति की विस्तृत जानकारी देगी. घोषणापत्र कहता है कि भाजपा सरकार हर नागरिक को पक्का घर मुहैया कराएगी और सस्ते घरों की स्कीम निकालेगी. लेकिन वह ये नहीं बताती ये सब कैसे होगा. भारत में हर छठा नागरिक झुग्गी-झोंपड़ी में रहता है. शहरों में 100 में एक इंसान बेघर है. भ्रष्टाचार उन्मूलन के लिए भाजपा के वादे ठोस नहीं हैं. आश्चर्य है कि जहाँ आम आदमी पार्टी ने जनलोकपाल का नारा देकर दे सवाल से एजेंडा तय किया हुआ है वहाँ भाजपा सिर्फ़ ई-गवरनेंस की बात कर रही है. भाजपा का सबसे रोचक सुझाव है कि वह लोकसभा और सभी विधानसभा चुनाव एक साथ करवाएगी. ऐसा हो जाने से चुनावी ख़र्च बहुत कम हो जाएगा. लेकिन क्या ये संसदीय प्रणाली के आधार को ही नहीं ख़त्म कर देगा? more  
Here is the BJP manifesto. Much thought has gone into it , and I have culled out some really smart ideas . Even a 25% success in this + communal harmony will be a huge achievement . They have left no sector or interest group untouched . Create 'Regional Councils of States', with common problems and concerns, with a view to seeking solutions that are applicable across a group of states. We shall give the highest priority towards bringing the eastern parts of the country on par with the western parts. To that extent, there shall be special focus and emphasis on the development of the eastern side of India. - pursue a mission mode project under the 'National Rural Internet and Technology Mission' for use of telemedicine and mobile healthcare for rural healthcare delivery; use of IT for agriculture for real time information; Self Help Groups; retail trade and SMEs; and rural entrepreneurs, etc. -develop India into a Global Hub for Arbitration and Legal Process Outsourcing. - Strengthen and modernize minority educational systems and institutions; dovetailing them with modern requirements. National Madrasa modernization programme would be initiated. - Curate their rich heritage and culture - maintenance and restoration of heritage sites; digitization of archives; preservation and promotion of Urdu. - Facilitate the setting up of a permanent Inter-faith Consultative mechanism to promote harmony and trust, under the auspices of religious leaders. A full-fledged programme for 'Rural Rejuvenation' will be made and implemented which will comprise of integrated strategies for personal, economic and social well being of the villagers. Through the idea of Rurban, we will bring urban amenities to our rural areas, while retaining the soul of the village. - Enact the 'Rights of the Persons with Disabilities bill' (RPWD). - Identify each and every special needs person across the country - establishing a web based disability registration system to issue universal ID for all applicable government benefits (healthcare, transportation, jobs, education etc). -- BJP will initiate nation-wide 'district level incubation and accelerator programme' for encouraging innovation and entrepreneurship. - Launch a 'National Sports Talent Search System', so that extraordinary sporting talent is identified at a very young age. Such promising boys and girls will be selected for special training. The existing rural sports programme and National Women Sports Festival will be broadened to reach every village and to identify talent for nurturing and excellence development. - Set up a dedicated W-SME (Women Small and medium enterprises) cluster in every district. - Remove any remaining gender disparities in property rights, marital rights and cohabitation rights. Investment in education yields the best dividend. Public spending on education would be raised to 6% of the GDP, and involving the private sector would further enhance this. - UGC will be restructured and it will be transformed into a Higher Education Commission rather than just being a grant distribution agency. - we will revisit the Apprenticeship Act to facilitate our youth to Earn while they Learn. We will take up skill development on a mission mode, at an unprecedented scale. - Skill Mapping - to help scientifically plan our national human resource development that India would need (like engineers, architects, doctors, nurses, lawyers, accountants, plumbers, carpenters, welders, etc.). - Launch a 'National Multi-skill Mission' We will promote vocational training on a massive scale. Rigid segregation of formal education and skill development will be broken; a mechanism will be established to give vocational qualifications of Academic Equivalence. Yoga and Ayurveda are the gifts of ancient Indian civilization to humanity and we will increase the public investment to promote Yoga and AYUSH. We will start integrated courses for Indian System of Medicine (ISM) and modern science and Ayurgenomics. We will set up institutions and launch a vigorous program to standardize and validate the Ayurvedic medicine. Barring the multi-brand retail sector, FDI will be allowed in sectors wherever needed for job and asset creation, infrastructure and acquisition of niche technology and specialized expertise. BJP is committed to protecting the interest of small and medium retailers, SMEs and those employed by them. - increase public investment in agriculture and rural development. - take steps to enhance the profitability in agriculture, by ensuring a minimum of 50% profits over the cost of production, cheaper agriculture inputs and credit; introducing latest technologies for farming and high yielding seeds and linking MGNREGA to agriculture. - Set up the 'Organic Farming and Fertilizer Corporation of India', to promote organic farming and fertilizers, and provide incentives and support for marketing organic produce. BJP considers that the role of SME sector is crucial for the economic development of our country. The sector needs to be developed by providing international linkages for exports, availability of credit through a dedicated SME bank, supply chain efficiencies, adoption of IT, support in R&D and innovation, and a policy support for enhancing the mandate to purchase from SME for large scale projects. Overall goal is to enhance the competitiveness of the SME sector leading to a larger contribution to our economic growth and employment generation. Handicrafts-We will move up the value chain of the sector driven by a focus on Quality. - Market linkages - both national and international - Access to credit and information and skills upgradation - Value addition will be encouraged through avenues like - branding, packaging and technology. -issue identity cards to the unorganized sector labourers, and arrangements will be made to provide them good quality health and education services. Also, their skills will be upgraded through appropriate training programs. - extend access to modern financial services to labour - including considering the option of setting up a dedicated Workers Bank. - set up Gas Grids to make gas available to households and industry. - set up a National Optical-Fibre Network up to the village level; and Wi-Fi zones in public areas. - Develop waterways for passenger and cargo transport. - Promote decentralized, demand-driven, community-managed water resource management, water supply and environmental sanitation. - create an ecosystem for multi-country and inter-disciplinary collaborative research, and establish an Intellectual Property Rights Regime which maximizes the incentive for generation and protection of intellectual property for all type of inventors. - achieving synergy between industry and scientific research. Autonomous technology transfer organizations will be created as associate organizations of universities and national laboratories to transfer the know-how generated by them to industry. Industry will be encouraged to adopt or support educational and research institutions to help direct science and technology endeavours towards tangible industrial goals. - promotion of innovation by creating a comprehensive national system of innovation. - indigenous knowledge, based on our long and rich tradition will be further developed and harnessed for the purpose of wealth and employment generation - Ecological Audit of projects and pollution indexing of cities and townships will be done on scientific basis. - Pollution control mechanisms will be set up on priority basis. - In addition to protecting the existing forests and wildlife reserves, the wastelands of the country will be used for social forestry. Languages: Indian Languages are repositories of our rich literature, history, culture, art and scientific achievements. Many of our dialects are important source for knowing our heritage. BJP would promote Indian languages, and put measures for the development of all Indian languages, so that they become a powerful vehicle for creating a knowledge society. more  
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