Kejriwal's letter to Urban Development Minister
दिनांकः 30.09.2014
श्री एम. वेंकैया नायडु,
शहरी विकास, आवास और शहरी गरीबी उपशामन मंत्री,
भारत सरकार
महोदय,
आपका दिनांक 23 सितंबर, 2014 का लिखा पत्र मिला। आपने स्वच्छ भारत अभियान के लिए आम आदमी पार्टी का सहयोग मांगा है।
ऐसा कौन भारतीय होगा जो स्वच्छ भारत नहीं चाहेगा? हर आदमी चाहता है कि चारों तरफ सफाई हो। हमारी पार्टी के नेता और कार्यकर्ता समय-समय पर श्रमदान करते रहते हैं और झाड़ू लगाकर सफाई करते रहते हैं।
लेकिन पिछले कुछ दिनों से स्वच्छ भारत अभियान के बारे में कुछ खबरें पढ़ीं, उससे मन में कुछ प्रश्न खड़े होते हैं।
पिछले कुछ दिनों से अखबारों में खबरें छप रही हैं कि कुछ मंत्रीगण अखबारों में फोटो खिंचवाने के लिए झाड़ू लगा रहे हैं। उनके लिए सड़क पर जानबूझकर कूड़ा बिखेरा जाता है, पिफर वो झाड़ू लगाते हैं, उनकी फोटो खींची जाती है और अगले दिन फोटो अखबार में छपती है।
आप भी मानेंगे कि ऐसे तो भारत स्वच्छ नहीं होगा। सुन रहे हैं कि 2 अक्टूबर को प्रधानमंत्री जी दिल्ली के बाल्मिकी सदन में झाड़ू लगाएंगे। यह अच्छी बात है, पर यह तो प्रतीकात्मक ही है। ऐसे प्रतीकात्मक काम से लोगों को प्रेरणा तो मिल सकती है। पर केवल इतना ही करने से देश साफ नहीं होगा।
यदि हमें सचमुच भारत को स्वच्छ करना है तो हमें 2 अक्टूबर के कार्यक्रम के साथ-साथ निम्नलिखित कदम भी उठाने होंगेः-
आप मानेंगे कि 2 अक्टूबर को सभी वी.आई.पी. लोग कुछ मिनट सफाई करके अपने-अपने घर चले जाएंगे। रोजमर्रा की सफाई तो अंततः सफाई कर्मचारियों को ही करनी है। आज इन सफाई कर्मचारियों की हालत बहुत खराब है। जैसे ज़्यादातर सफाई कर्मचारी ठेके पर काम कर रहे हैं। ठेकेदार इनका शोषण करता है। बिना वजह इन्हें कभी भी निकाल दिया जाता है। 30 साल नौकरी करने के बाद भी इन्हें पक्का नहीं किया जाता। हर 6 महीने बाद मस्टरोल में अपना नाम लिखवाने के लिए 10 से 15 हज़ार रुपये की रिश्वत देनी पड़ती है। ठेकेदार इनसे 10,000/- महीने की स्लिप पर साइन (हस्ताक्षर) करवाता है, असल में इन्हें महज़ 4,000/- ही देता है और बाकी पैसे ठेकेदार खुद रख लेता है। इन्हें कोई छुट्टी नहीं मिलती। इनमें से कई लोगों के पास रहने को मकान भी नहीं हैं। ये लोग बेचारे बेहद गरीब हैं। ऐसी ही इनकी ढेर सारी समस्याएं हैं। यदि हम वाकई स्वच्छ भारत चाहते हैं तो सबसे पहले हमें अपने सफाई कर्मचारियों को सम्मान देना होगा। इनकी समस्याओं का समाधान करना होगा। इन्हें ठेकेदार के चंगुल से निकालकर इनकी नौकरियों को पक्का करना होगा। इन्हें बेहतर तन्ख़्वाह देनी होगी। इन्हें काम करने के लिए बेहतर माहौल देना होगा। आपने भी झाड़ू उठाई, ये अच्छी बात है। हमने तो अपना चुनाव चिन्ह् ही झाड़ू रखा है। अब रोज़ाना झाड़ू लगाने वालों को सम्मान देना होगा। समाज का उनके प्रति रवैया भी बदलना होगा।
आज 21वीं सदी में भी सीवर की सफाई अमानवीय तरीके से की जाती है। सीवर की मेन-हॉल में सफाई कर्मचारी घुसते हैं, उनकी त्वचा खराब हो जाती है। कुछ सफाई कर्मचारियों की तो सीवर की गैस से मौत भी हो गई है। यह अति दुर्भाग्यपूर्ण है। इनके इलाज के लिए सरकार की तरफ से कोई विशेष सुविधा नहीं है। यदि हमें भारत को वाकई स्वच्छ करना है तो इन अमानवीय तरीकों को बंद करके आधुनिक तकनीक को इस्तेमाल करना होगा। इन्हें सफाई करने के आधुनिक उपकरण देने होंगे।
यदि हम अपने सफाई कर्मचारियों को कार्य करने के लिए अच्छा माहौल देते हैं, बेहतर सुविधाएं देते हैं और आधुनिक उपकरण देते हैं तो फिर हमें इनकी जवाबदेही तय करनी होगी। अच्छा काम करने वालों को ईनाम और काम न करने वालों को सज़ा।
सफाई के नाम पर नगर निगमों में करोड़ों रुपये खर्च किये जाते हैं। इसमें काफी भ्रष्टाचार है। अगर हम स्वच्छ भारत चाहते हैं तो इस भ्रष्टाचार को ख़तम करना होगा।
भारत को स्वच्छ करने के लिए ऊपर लिखी बातों को लागू करना बहुत जरूरी है।
हम सभी लोगों से अपील कर रहे हैं कि स्वच्छ भारत अभियान में शामिल होकर 2 अक्टूबर को जरूर श्रमदान करें। केवल 2 अक्टूबर ही नहीं, बल्कि हमें उसके बाद भी समय-समय पर श्रमदान करते रहना चाहिए।
लेकिन हम आपसे उम्मीद करते हैं कि 2 अक्टूबर के बाद भी सफाई पर ध्यान दिया जाएगा। हम उम्मीद करते हैं कि 2 अक्टूबर के बाद यदि दिल्ली के लोग कहीं भी गंदगी होने की बात सूचित करेंगे तो दिल्ली नगर निगम उसे तुरंत साफ करेगा। आम आदमी पार्टी दिल्ली में सफाई अभियान 2 अक्टूबर के बाद भी जारी रखेगी।
आपका भवदीय,
अरविंद केजरीवाल more