Media has no time for this. Is it not public money?
नई दिल्ली. एमसीडी का एक और कारनामा सामने आया है। एलएनडीओ से जमीन मिलने से पहले ही एमसीडी द्वारा एक एसएमएस इंफ्रस्ट्रक्चर प्रा.लि. को पार्किंग निर्माण करने के लिए 19 करोड़ रुपए का भुगतान करने का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है। इस मामले का खुलासा तब हुआ जब स्वयं एमसीडी ने कार पार्किंग परियोजना को रद्द करने का प्रस्ताव पेश किया।
ज्ञात हो कि जवाहरलाल नेहरू अर्बन रिन्युवल मिशन के तहत पूरी दिल्ली में दर्जनों मल्टीलेवल कार पार्किंग कम कमर्शियल कॉम्पलेक्स बनाए जाने थे। इसमें से कुछ का निर्माण हो चुका है जबकि कई स्थलों पर अभी निर्माण कार्य चल रहा है। ठेकेदार ने एमसीडी से करोड़ों की रकम तो ले ली, लेकिन पार्किंग का निर्माण नहीं शुरू किया, क्योंकि एलएनडीओ की जिस जमीन पर पार्किंग बननी थी, वह जमीन एमसीडी ठेकेदार के हवाले ही नहीं कर सकी। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि इस जमीन पर पार्किंग बनाने के विरोध में आरडब्लूए ने ग्रीन बेल्ट पर एमसीडी पार्किंग परियोजना के विरोध में हाईकोर्ट में अपील दायर कर दी। मामले का खुलासा होने के बाद एमसीडी ने इस परियोजना को आनन-फानन में बद कर दिया।
ज्ञात हो कि डिफेंस कॉलोनी कार पार्किंग का ठेका लेने वाली कंपनी को ठेके की राशि का भुगतान तीनों एमसीडी को मिलकर करना था। इतनी बड़ी राशि का भुगतान करने के बाद साउथ एमसीडी ने अन्य दोनों एमसीडी नार्थ व ईस्ट से जेएनएनयूआरएम के तहत बकाया राशि के भुगतान का शेयर मांगा है। साउथ एमसीडी ने नार्थ एमसीडी से 7.30 करोड़ तथा ईडीएमसी से 4.38 करोड़ रुपए की मांग की है।
॥तीनों एमसीडी के विभाजित होने के बाद जिस क्षेत्र में मल्टीलेवल कार पार्किंग आती है, उसकी राशि वही एमसीडी लौटाएगी। अन्य दोनों एमसीडी का इससे कोई लेना-देना नहीं है।
मनीष गुप्ता, कमिश्नर, साउथ एमसीडी more