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पत्रकार ने बीजेपी संवाद सेल के खेमचंद शर्मा से एक प्रश्न किया की आप पार्टी के लोग बहुत ही व्यवस्थित रूप से काम करते है और बीजेपी के लोग बहुत ही कुव्यवस्थित है |
मैने इसका भरपूर प्रतिरोध किया और उस पत्रकार को झूठा बताया और उससे यह पूछा की उसने एक पत्रकार होकर ऐसी झूठी बात कैसे कह दी की आप के लोग बहुत ही व्यवस्थित है क्योंकि एक पत्रकार को टिप्पणी करने का कोई हक़ नही बल्कि उसका काम तो सिर्फ़ खबर पहुचाना है |
दोस्तो क्या पत्रकार को ऐसी टिप्पणी करनी चाहिए ? अगर करता है तो क्या उसका प्रतिरोध करना ग़लत है ? क्या पत्रकार को बीजेपी आफ़िस के आगे किए गया पथराव व्यवस्थित लग रहा था ? क्या मीडीया आजतक पक्षपाती रवैयय्या अख्तियार नही कर रहा है ? more