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सुरक्षित , आरामदेह और ससमय यात्रा संभव बनाना रेल कर्मचारी और अधिकारी का कर्तव्य / धर्म है , जिसके लिए मेरी समझ से कठोर और सुलझे प्रशासक (न्यायाधीश सहित ) की आवश्यकता है। इसके बिना किसी भी समस्या का समाधान अब संभव नहीं है।
सुरक्षा वास्ते सर्व प्रथम जिम्मेदारी स्टेशन परिसर के अधिकारी / सुरक्षा अधिकारी का है जो अपनी ड्यूटी नहीं ही निभाते हैं। वे लोग सेटल्ड हैं।
इसके बाद खानापूरी TTC करते हैं। यात्री के साथ ट्रेन यात्रा के दौरान किसी भी घटना / असुविधा की प्रथम जिम्मेवारीTTC की ही हो। प्रत्येक टिकट पर ड्राइवर / गार्ड / चलंत सुरक्षा अधिकारी / टोल फ्री रेल सुचना /शिकायत नम्बर अंकित (कोई एक / दो नम्बर ) होना चाहिए।
कोच का गेट स्टेशन पर ही खुले ( ड्राइवर + गार्ड दोनों की सहमति या ड्राइवर + स्टेशन अधीक्षक की सहमति या गार्ड + स्टेशन अधीक्षक की सहमति ), आपात स्थिति में ही ड्राइवर + गार्ड की सहमति से गेट खुलना चाहिए।
ट्रेन में अगले स्टेशन , विलम्ब का कारण ( विलम्ब न ही हो तो बेहतर होगा ), खाने - पीने की उपलब्धता , डॉक्टर की उपलब्धता , ठहरने की व्यवस्था आदि की उद्घोषणा की व्यवस्था अनिवार्य हो। संगीत के बारे में नहीं कह सकता लेकिन समाचार की उद्घोषणा लम्बी दुरी की गाड़ी में होती है तो सराहनीय होगी।
ट्रेन परिचालन ससमय हो इसके लिए 'पहले आओ पहले जाओ , नीति की आवश्यकता है। परिचालन अधिकारी अपने जोन की गाड़ी को प्राथमिकता के नजरिये से देखते हैं जो यात्री के साथ नाइंसाफी है। इसकी नियमित जाँच हो और उसका प्रकाशन हो।
डिवीजन में पुरष्कृत होने के बहुतेरे प्रावधान लिखे देखे हैं लेकिन ट्रेन की लेट -लतीफी नियति बनी हुई है। इसे कमी को प्राथमिकता के आधार पर दूर करना अनिवार्य है।
वैक्यूम सिस्टम में बदलाव की चर्चा सुन चूका हूँ , जितनी जल्दी कार्यान्वित हो उतना अच्छा होगा।
स्टेशन परिसर में टैक्सी / बाइक / रिक्शा स्टैंड है जो लावारिस स्थिति में होती है । उसे नियंत्रित करने की आवश्यकता है। रेल परिसर में खड़ी टैक्सी / रिक्शा / ऑटो रिक्शा रेलवे के द्वारा सत्यापित होना चाहिए जिसका निश्चित दुरी के लिए नियत भाड़ा देय हो और सुरक्षित हो।
आरामदेह यात्रा के लिए टिकट में दिए गए मोबाइल नंबर / मेल पर ट्रेन आने की सुचना १/२ घंटे पूर्व स्वतः गाड़ी नंबर +प्लेटफार्म नंबर के साथ अलर्ट टोन मिल जाय।
सामान्यतः एक कोच में ५६ बर्थ होते हैं। अगर तत्काल वेटिंग कन्फर्म होने के बाद ५६ टिकट वेटिंग में रह जाता है तो एक कोच जोड़ने की व्यवस्था कम - से - कम प्रत्येक जंक्शन पर लम्बी दुरी की गाड़ी में होना चाहिए।
लम्बी दुरी की सभी गाड़ियों में पेंट्री कार अनिवार्य करें और उन सभी पेंट्री कार की नियमित जांच होनी चाहिए।
अभी तक यात्रियों के लिए शुद्ध पानी , शुद्ध / स्वादिष्ट नास्ता / भोजन उचित दाम पर उपलब्ध कराने में सरकार विफल है।
उच्चतम न्यायालय द्वारा धूम्रपान , तम्बाकू मशाला / गुटका पर प्रतिबन्ध होने के वावजूद छोटे - छोटे बच्चों द्वारा ट्रेन में तम्बाकू उत्पादित गुटका / सिगरेट बेचा जाना उच्चतम नयायालय का अपमान तो है ही , साथ ही साथ यात्रियों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ है। इस पर त्वरित करवाई की अपेक्षा रखता हूँ। इसके लिए ट्रेन टिकट परीक्षक एवं चलंत सुरक्षा अधिकारी को दोषी करार किया जाय। इसके लिए रेल मंत्रालय एक / अधिक whats app नंबर प्रचलन में लाये जिस पर यात्रियों द्वारा सुचना भेजा जा सकता है ताकि उचित करवाई ससमय किया जा सके।
धन्यवाद !
राजू चौधरी more